पंच परमेष्ठी वाक्य
उच्चारण: [ pench permesethi ]
उदाहरण वाक्य
- बताया कि ओम में पंच परमेष्ठी विराजते हैं।
- पंच परमेष्ठी विधान जलाभिषेक के साथ शुरू
- जिनका समन्वित नाम पंच परमेष्ठी है।
- पंच परमेष्ठी के अलावा जो गुरु मानता है, वो मिथ्यादृष्टि है!
- ये पंच परमेष्ठी हैं: अर्हत्, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु।
- इटावा-शहर के श्री दिगम्बर जैन मंदिर फूलन देवी डांडा पर तीन दिवसीय पंच परमेष्ठी विधान का आयोजन विधि विधानपूर्वक शुरू हुआ।
- स्वस्तिक्से पंच परमेष्ठी और पाँच बिंदियों से अरहंत सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु पुरूषों के आवाहन या प्रतिष्ठा का तात्पर्य लिया जाता है।
- इन्दौर से पधारे पंडित सुरेन्द्र जैन ने पंच परमेष्ठी विधान की पूजन सम्पूर्ण पदों के अर्थ को श्रावकों के मानव जीवन के कल्याण की ओर अग्रसर होने की सम्पूर्ण विधियों से अवगत कराया।
- विधान में अरहंत, सिद्ध आचार्य, उपाध्याय और साधु पंच परमेष्ठी के गुणों की पूजा करते हुए बताया गया कि जिनके सांसारिक समस्त कार्य समाप्त हो गए हैं और उत्कृष्ट पद को प्राप्त कर चुके हैं वही पूज्य बनते हैं।
- जयति इति जिन: अर्थात जिसने काम, क्रोध, मोह आदि अपने विकारी भावोँ को जीत लिया है वह ‘ जिन ' कहलाता है तीर्थँकर, केवली, पंच परमेष्ठी, जैन मुनि या आर्यिका आदि इसी श्रेणी मेँ आते हैँ ।
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